आज यह न सोचो की क्या होगा ... कैसे होगा ...
बस मन में यह उमंग रखो की जो सोचा वैसा होगा।
आज फ़िर मन की तरंगो को उठने दो ... आज फ़िर खुशियों को बहने दो...
क्योंकी आज फ़िर उत्साह है ... उलास है ...
दिवाली है दोस्त... सब बढ़िया होगा।
शुभ दीपावली।
Friday, October 16, 2009
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