Monday, September 25, 2023

Surya hun main---सूर्य हूँ मैं


सूर्य हूँ मैं, मैं अस्त नहीं होता,
थकता हूँ,  मगर मैं, पस्त  नहीं होता,
छुपता हूँ कभी कभी बदलो के पीछे,
सब सोते है , मैं नहीं सोता, 
सूर्य हूँ मैं, मैं अस्त नहीं होता।  

सोच मे तपिश सी है, यूँ अंतर्मन से शांत हूँ 
ऊष्मा का स्त्रोत्र हूँ, ,मैं ऊर्जा का उफान हूँ,
रात को हूँ काटता, मैं भोर को हूँ संजोता,   
सूर्य हूँ मैं, मैं अस्त नहीं होता।   

कभी कही तो कभी कही दिखता हूँ,
हर रोज़ किसी के अंधेरों में रौशनी से उम्मीद लिखता हूँ,
खुशियों के धागों में, सपने मैं ही हूँ पिरोता , 
सूर्य हूँ मैं, मैं अस्त नहीं होता। 

कही किसी की सोच हूँ, कभी किसी का मान हूँ,
हारकर थकने से, मैं अनिभिज्ञ अनजान हूँ , 
जहा कोई न देख सके,  मैं वहा भी हूँ होता ,
 सूर्य हूँ मैं , मैं अस्त नहीं होता हूँ।  
 
थकता हूँ,  मगर मैं, पस्त  नहीं होता,
सूर्य हूँ मैं , मैं अस्त नहीं होता हूँ।