खतम करो सन्त्ताप को
पहचानो अपने आप को...
हो बीजेपी ,कांग्रेस या आप, खतम करो सन्त्ताप को।
सचाई का दम घोट रहे, ये देश को लूट खसोट रहे,
यह बेच दे अपने बाप को...
दंगे देखो भड़कते है और भ्रष्टाचार बढ़ाते है,
कब तक सहना इस श्राप को...
be it testing times..be it celebrations..be it depressing relationships.. its only your own thoughts which creates such situations
खतम करो सन्त्ताप को
अब चल ही पड़ा हूं तो, बस थोड़ा याद रख लेना,
मेरे जाने के बाद इस गुलिस्तां को यूं ही आबाद रख लेना।
घूमते घूमते यूं ही मिल सकूं तुमसे,
घूमते घूमते यूं ही मिल सकूं तुमसे,
दिल के रिश्तों को बस थोड़ा, आजाद रख लेना,
अब चल ही पड़ा हूं तो, बस थोड़ा याद रख लेना...
ज़िन्दगी खुश थी, ज़िंदादिल पर ज़िम्मेदार भी थी,
ज़िन्दगी खुश थी, ज़िंदादिल पर ज़िम्मेदार भी थी,
ये पारी यूं ही बस हर कीमत पर नाबाद रख लेना,
अब चल ही पड़ा हूं तो, तो बस थोड़ा याद रख लेना...
कभी कोई मौका ऐसा मिल जाए जहां,
यादें पुरानी की बात चल पड़े,
कभी कोई मौका ऐसा मिल जाए जहां,
यादें पुरानी की बात चल पड़े,
एक आध बात मेरी की भी,थोड़ी सी दाद रख लेना,
अब चल ही पड़ा हूं तो, बस थोड़ा याद रख लेना...