Wednesday, March 16, 2011

अपने और सपने..

कामयाबियों... दौलातो... शोहरतो...वही रुको...
की अपने सर पर तो मैंने अपनों को बैठाया हुआ है ....

1 comment:

Amit said...

Dude, can't read it, can see only blocks.