गुरु गुरु क्यों होता है, यह आपसे मिलके जाना है।
मेरे गुण और अवगुण को आप ही ने तो जाना है।
काफी कुछ करता हूं यूं तो,
काफी कुछ करता हूं यूं तो,
क्या सही है क्या गलत है, ये आपने ही पहचाना है।
गुरु गुरु क्यों होता है, यह आपसे मिलके जाना है।
काफी लोगो से हूं मिलता, सबसे कहता सबकी सुनता।
काफी लोगो से हूं मिलता, सबसे कहता सबकी सुनता।
बाकी सबको भूल भुला के आपको ही सच माना है।
गुरु गुरु क्यों होता है, यह आपसे मिलके जाना है।
मेरी जिज्ञासा जो भी हो, आप ही से मैं बूझता जाता,
मेरी जिज्ञासा जो भी हो, आप ही से मैं बूझता जाता,
मुझको हर पल खुशी यहीं है, आपने अपना माना है।
गुरु गुरु क्यों होता है, यह आपसे मिलके जाना है।
गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं।
🙏🏻
Mohit Dadhich
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