वो हर बात पर ताली मारना, वो हर बात पर लग जाना गले,
थोड़ा इठलाता, थोड़ा खिलखिलाता वो खुशनुमा माहौल कहाँ खो गया ,
मेरे स्कूल का वो प्यारा सा बचपन जाने कहा खो गया।
थोड़ी शरारते , थोड़ी पढाई , वो बेतक्कलुफी का वक्त जाने कहा सो गया,
वो होमवर्क न करने पर बनाये रुहासे बहानो को जाने क्या हो गया,
मेरे स्कूल का वो प्यारा सा बचपन जाने कहा खो गया ।
वो छोटी सी ऊँगली से कट्टी , वो फिर से दोस्ती कराता अंगूठा अब क्यों जुदा हो गया,
वो हफ्ते में मिली एक छुट्टी, वो मस्ती भरा पल, याद कर के दिल आज फिर रो गया,
मेरे स्कूल का वो प्यारा सा बचपन जाने कहा खो गया।
वो चोरी छिपे एक दुसरे का टीफिन खा जाना, जाने क्यों लापता हो गया,
वो टीचर की डांट से बचाने वाला दोस्त आज कहा सो गया,
मेरे स्कूल का वो प्यारा सा बचपन जाने कहा खो गया।
फिर एक दिन हम साथ खेलेंगे सभी,
फिर मिल के हम कैंटीन से समोसे लेंगे कभी,
मेरे स्कूल तेरे बचपन का वादा यह पक्का हो गया
फिर गूंजेंगा वही शोर तेरे आँगन में, जो फिलहाल है कही खो गया।
4 comments:
Great
🙃🙃🖤
Nice lines❤💯
Nice❤️
Post a Comment